
रायपुर। (विकाश दुबे)छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय कैबिनेट का विस्तार होने की चर्चा बढ़ने लगी है ।बताया जा रहा है की यह विस्तार कभी भी हो सकता है। इसको लेकर सरकार और संगठन के नेताओं की बैठकें जारी है।
हाल ही में छत्तीसगढ़ के दौरे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आए थे, उनसे भी संगठ के नेताओं की चर्चाएं हुई। उनसे पहले प्रदेश प्रभारी नीतीन नबीन ने बंद कमरे में बड़ी बैठक ली थी।
हालांकि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव सरकार आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है, इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार को बल मिलना शुरू हो गया है।
खबर है कि मंत्रिमंडल विस्तार के लिए संगठन का भी दबाव है। कैबिनेट विस्तार की संभावना को देखते हुए दावेदारों की धड़कने भी बढ़ी हुई है।
विष्णुदेव साय कैबिनेट में मंत्रियों के दो पद खाली हैं। इसमें से एक पद साल भर से खाली है, जबकि दूसरा पद छह महीने से। फिलहाल कैबिनेट में मुख्यमंत्री के साथ 10 मंत्री है। पहले पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के बाद कैबिनेट के विस्तार की चर्चा थी, लेकिन अब दोनों चुनाव टल गया है।
इधर प्रशासनिक कसावट के लिए कैबिनेट के विस्तार को लेकर अब पार्टी संगठन की तरफ से दबाव आने लगा है। इसे देखते हुए इसी महीने कैबिनेट के विस्तार की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर आए अमित शाह से भी इसको लेकर चर्चा हो चुकी है। विस्तार की तारीख और चेहरों को लेकर अंतिम निर्णय होना बाकी है।
अटकलों के बीच दावेदारों की धड़कने तेज
कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच दावेदारों की धड़कने तेज हो गई है। कैबिनेट में खाली पड़े दो पदों के लिए करीब आधा दर्जन दावेदार हैं। इसमें दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव के साथ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत और अजय चंद्राकर प्रमुख हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार किरण सिंहदेव सरकार में जाने के इच्छुक हैं। इसी कारण बस्तर संभाग से मंत्री पद की स्वभाविक दावेदार मानी जा रही तला उसेंडी को बस्तर प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाकर सिंहदेव का रास्ता साफ कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों में एक नया चेहरा और दूसरा पुराना चेहरा हो सकता है। नए चेहरों में सिंहदेव के साथ गजेंद्र यादव भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
गजेंद्र यादव संघ की पृष्ठ भूमि से आते हैं और कांग्रेस के अरुण वोरा को हरा कर विधानसभा पहुंचे है। वहीं, पुराने चेहरों में तीन नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। इनमें अमर अग्रवाल का नाम सबसे ऊपर हैं। अग्रवाल को बृजमोहन अग्रवाल के स्थान पर कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।
वहीं, जातिगत समीकरण के आधार पर अजय चंद्राकर की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। वहीं, रायपुर शहर की चारों विधानसभा सीट भाजपा के पास है, लेकिन कैबिनेट में यहां का प्रतिनिधित्व नहीं है। इस समीकरण के आधार पर राजेश मूणत के साथ सुनील सोनी की भी संभावना बनी हुई है।
मौजूदा मंत्रियों के एक साल के परफॉर्मेंस की समीक्षा
कैबिनेट विस्तार के बीच कैबिनेट के मौजूदा 10 मंत्रियों के परफॉर्मेंस की भी समीक्षा किए जाने की चर्चा है। बताया जा रहा है कि सरकार और संगठन की तरफ से मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। कैबिनेट विस्तार को लेकर दिल्ली में होने वाली बैठक में यह रिपोर्ट राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने रखी जाएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार ऐसे में कमजोर परफॉर्मेंस वाले कुछ मंत्रियों की कुर्सी खतरें में पड़ सकती है।
खबर सोर्स hathor न्यूज