Chhattisgarh

गुटबाजी…रामानुजनगर भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कहा विधायक की छवि कुछ लोग खराब करने की कर रहे कोशिश

रामानुजनगर:- प्रदेश में भाजपा सरकार बने एक साल होने को है कुछ दिनों बाद जहां नगर निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर पार्टी तैयारियों में लगी है वहीं रामानुजनगर मंडल में गुटबाजी चरम पर देखने को मिल रहा है।बात यहां तक आ गया कि आज भाजपा मंडल अध्यक्ष और कई भाजपा नेताओं को सामने आकर मीडिया से बात करना पड़ा।
दअरसल पूरा विवाद रामानुजनगर विकासखंड के उमापुर सहकारी समिति में अध्यक्ष और धान खरीदी प्रभारी के पद को लेकर है जिसमें विधायक भूलन सिंह मरावी ने अनुशंसा कर भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष मीना सिंह को सहकारी समिति का अध्यक्ष बनाया है ।जिसके बाद एक समाचार पत्र के माध्यम से यह बात सामने आया कि मीना सिंह के नियुक्ति के बाद भाजपा का एक गुट बहुत ज्यादा नाराज है।भाजपा में गुटबाजी को लेकर जिस प्रकार से सवाल खड़ा किया गया जा रहा है उसको लेकर आज भाजपा नेताओं ने अपना प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रामानुजनगर भाजपा में कोई गुटबाजी नहीं है।कुछ लोग निजी स्वार्थ के चक्कर में विधायक भूलन सिंह मरावी के छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।जिस सहकारी समिति के अध्यक्ष को लेकर मामला सामने आया है वो भाजपा मंडल उपाध्यक्ष है पार्टी में शुरू से बनी हुई हैं विधायक जी खुद उनका अनुशंसा किए है।इसमें कोई विवाद नहीं है।मीना सिंह पूर्व में जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ चुकी है।जब विपक्ष में थे तो सारे धरना प्रदर्शन में यहां से लेकर रायपुर तक में शामिल हुई है।ऐसे कार्यकर्ता को अगर सोसाइटी का अध्यक्ष विधायक जी ने बनवा दिया तो कुछ लोगों को तकलीफ हो रहा है।रही बात धान खरीदी उद्घाटन का तो उस दिन भी विधायक जी ने उद्घाटन करने को कहा था जिसमें कलेक्टर स्वयं भी शामिल थे वहां कोई भी विवादित वाला बात ही नहीं था।इस मंडल में कुछ भी काम होता है उसमें जिलाध्यक्ष और विधायक जी की सहमति से होता है।कुछ लोग निजी स्वार्थ के कारण कुछ भी अनाप शनाप छपवा रहे है। यहां पर कोई कुछ भी कर ले विधायक जी की छवि को कोई नुकसान नहीं होने वाला है।वो लगातार सभी कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहकर क्षेत्र के विकास के लिए काम कर रहे है।

आखिर कोई नेता क्यों नहीं खत्म करवाता गुटबाजी

मंडल रामानुज नगर में जिस प्रकार से गुटबाजी अभी देखने को मिल रहा है यह कोई पहला मामला नहीं है।इससे पहले भी जब भाजपा की सरकार रही हो तब भी कार्यकर्ता ऐसे ही गुटों में बटे थे ,वही आज जब फिर से भाजपा सरकार है तो ऐसा लग रहा है फिर से कार्यकर्ताओं के बीच में सिर्फ फुटौवल का स्थिति सामने आ रहा है ।ऐसे में जब सत्ता में सभी कार्यकर्ता काबिज है एक साथ मिलकर सभी को पार्टी संगठन को ऊपर उठाने के लिए काम करना चाहिए ऐसे में गुटबाजी कर कितना भलाई पार्टी का और खुद का होगा या सोचने वाली बात है ।वहीं दूसरी और यहां गुटबाजी वर्षों से चलते आ रहा है ऐसे में कोई पार्टी का बड़ा नेता इस गुटबाजी को खत्म करने का प्रयास क्यों नहीं करता,अभी तो सिर्फ कुछ महीने सत्ता में आए हुवा है अगर ऐसा ही रहा तो निश्चित रूप से इसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है।

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